एक खिलाड़ी के तौर पर देखें तो एस श्रीसंथ ने भारत
को एक नहीं बल्कि दो विश्वकप खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई है, लेकिन कल का हीरो
आज क्रिकेट के लिए शर्म की बात बन गया है। तमाम लोग कह रहे हैं कि लालच ने उन्हें
अंधा कर दिया और वो इस दलदल में फंस गए। क्या इस पर वाकई यकीन किया जा सकता है, कि
किसी बुकी ने संथ को पैसे का लालच दिया और वो इसमें गैरइरादतन फंस गए। मुझे इस बात
पर न जाने क्यूं यकीन नहीं हो रहा है कि इसमें गलती सिर्फ श्री की रही होगी क्योंकि
अगर वो इस तरह से बेखौफ होकर मैचों को फिक्स कर रहे थे तो फिर उनके ऊपर जरूर किसी
नामी गिरामी हस्ती का हाथ रहा होगा।
यहां ये बताना भी मैं जरूरी समझता हूं, कि कैसे
इस विश्वस्तरीय गेंदबाज़ ने अपने ओवर में बुकी के कहे अनुसार सिर्फ 14 रन ही खर्ज
किये। यानी इसमें तो बल्लेबाज़ का भी पूरा योगदान रहेगा, कि वो उस ओवर में नपे-तुले
14 रन ही बनाए। क्रिकेट की समझ रखने वाले हम सभी इस बात को मानने में कतई गुरेज
नहीं करेंगे कि क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और उसमें कभी तो अच्छी से अच्छी गेंद
पर छक्का लग जाता है तो कभी बेहद कमजोर गेंद पर भी बल्लेबाज़ आउट हो जाता है। इसलिए
मुमकिन होगा कि बल्लेबाज़ भी इसमें शामिल हों।
बहरहाल फिक्सिंग के भूत ने आईपीएल को इंडियन
फिक्सिंग लीग के नाम से दुनियाभर में बदनाम कर दिया हैं। वैसे इस मुद्दे पर जांच
के लिए कमेटी बना दी गई है लेकिन सभी जानते हैं कि जांच कमेटी किस तरह से अपना काम
को करती हैं। फिक्सिंग के गुनाह में आजीवन प्रतिबंध की सज़ा भुगत रहे पूर्व
खिलाड़ी जब क्रिकेट के एक्सपर्ट के तौर पर घंटों टीवी पर बैठे नजर आतें है तो
बताने की जरूरत नहीं कि आने वाले दिनों में किस तरह से ये मामला भी धूल फांकता हुआ
नजर आएगा।
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