Monday 19 September 2011

बाढ़ का कहर


आतंक की आग में धधक रहे पाकिस्तान की मुश्किलों को अब कुदरत की मार और अधिक बढ़ा दिया है। रोज़ ब रोज़ अमूमन ये सुनने में आ ही जाता है कि पाकिस्तान के फलां शहर में धमाका हुआ, जिसमें दर्जनों मासूमों की मौत हो गई। इसी तरह से कभी मस्जिद में विस्फोट होता है तो कभी बाज़ारों को निशाना बनाया जाता है। और तो और मंत्रियों तक को यहां सरेआम गोलियों से भून दिया जाता है लेकिन अपराधी आराम से गायब हो जाते हैं। अब इसे पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत ही कहेंगे कि इस तरह के संगीन अपराध रोज़ होते हैं लेकिन कार्यवाई के नाम पर महज खानापूर्ती ही की जाती है। वैसे ये कोई नई बात नहीं है क्योंकि जब पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टों की दिनदहाड़े हत्या की जा सकती है तो किसी को भी निशाना बनाया जा सकता है।

चलिए इससे आग बढ़ते हैं क्योंकि भारत के इस पड़ोसी मुल्क का सिंध राज्य इस समय भयंकर बाढ़ की मार झेलने का मजबूर है। हालात का अंदाज़ा इससे ही लगाया जा सकता है कि अब तक बाढ़ से तकरीबन 65 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मानें तो अब तक बारिश और बाढ़ के कहर में तकरीबन 300 लोग लोग मारे जा चुके हैं जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं। वहीं इस संस्था की तरफ से ये भी बताया गया है कि लगातार बारिश होने और बाढ़ के खौफनाक मंजर के बीच कम से कम 23 लाख से भी अधिक लोग अलग-अलग तरह की बीमारियों का शिकार हो चुके हैं। बेकाबू होते हालात को देखते हुए पाकितस्नी सरकार ने अतंरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता मांगी है। बीमारियों की बाबत सरकार की तरफ से बताया गया है कि छह लाख से ज़्यादा लोग नेत्र रोग, पाँच लाख से ज़्यादा त्वचा और साढ़े सात लाख हेज़ा जैसी ख़तरनाक बीमारियों की गिरफ्त में आ चुके हैं। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय राहत संस्था ऑक्सफ़ैम ने एक अनुमान लगाते हुए बताया है कि इस समय लगभग 50 लाख लोगों को खाने-पीने की चीजों के साथ ही पीने के लिए साफ़ पानी की भी ज़रुरत है।

यहां बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने सिंध प्रदेश की हालात को देखते हुए अपनी अमरिका की यात्रा स्थागित कर दी थी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बाबत एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया था कि सिंध में बाढ़ की स्थिति काफ़ी चिंताजनक हो जाने के कारण प्रधानमंत्री ने अपनी अमरिका की यात्रा स्थागित कर दी। बाढ़ से उत्पन्न हुए गंभीर हालातों को मद्देनज़र रखते हुए प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए अपील की है। वैसे इससे पहले राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान की सहायता के लिए गुहार लगा चुके हैं। गौरतलब है कि पिछले साल सिंधु नदी में आई भयंकर बाढ़ ने लाखों लोगों को प्रभावित किया था। फिलहाल महासचिव बान की मून ने पाकिस्तान के साथ पूरी हमदर्दी दिखाते हुए उन्हें सहायता देने का आश्वासन दिया है। ख़ैर जिस तरह से समस्याएं पाकिस्तान का पीछा नहीं छोड़ रही हैं उससे इस देश का ऊबरने में खासा वक्त लग सकता है। पहले से ही जहां आतंकवाद का अजगर खुद पाकिस्तान को निगलने मे लगा हुआ हैं, ऐसे में बाढ़ की स्थिति बद से बत्तर होना यही दर्शाता है कि पाकिस्तान परमाणु मिसाइलों पर तो पैसा खर्च कर सकता है, लेकिन इस तरह की दुश्वारियों से निपटने के लिए वो कोई ठोस रणनीति नहीं बना सकता है।   

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